Book Title: Selections in Arddhamagadhi For SSC Examinations
Author(s): Venus Book Stall
Publisher: Venus Book Stall

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १. अज्जचंदणा-कहाणयं । चंपाए दहिवाहणो राया। लो य अईव विसयपसत्तो, न पेच्छइ पाइके, न मग्गइ लिहणियं, न संमाणेइ महासामंते, न निजुंजइ हत्थीसु हथिवेजे, न पेच्छइ आसे, न जुंजइ आसमहए, न चोएइ महासवइणो, न निझुंजइ जाणसालिए, किं बहुणा रात्तिदिया अंतेउरगओ चिट्ठइ । तओ पाइका इओ तओ गंतूण वित्तिकाले आगच्छति । सामंता विनियनियठाणेसु रजसिरिमणुहवंता चिटुंति । मंतिणो वि जाया उबेहापरा । कडप्पयापुण्गेहि किंचि निव्वहइ । - इओ य कोसंबीए सयाणीओ राया । तेण नायं जहा पमत्तो सो । अओ तग्गहणं समओ वट्टइ । तओ नावाकडएणं गओ एगराईए । नट्ठो दहिवाहणो पाणे गहाय । विलुत्ता नयरी सयाणीएण । जग्गहो घुट्ठो । तओ एगेण गोहेण दहिवाहणरण्णो भजा धारिणी, तीसे धूया वसुमई, दो वि गहियाओ । सो गोहो अन्नेसि कहेइ 'एसा मे भजा भविस्तइ । एयं च दारियं विक्किणिस्सामि। तओ धारिणी सीलभंगभया, धूयाए का गई भविस्सइ त्ति संखोभेणं मया । तओ तं वसुमई सम्ममणुचरिउमाढत्तो गोहो । संपत्तो कोसंबि, उडविया हट्टे । धणवाहसेट्टिणा गहिया जहाइच्छिएण दाणेणं । नीया घरं । समप्पिया मूलाए नियभारियाए 'एसा ते धूया, सम्ममणुचरियव्वा । जइ ता एईए पुग्विल्लगा मोइस्सति तेहि सह पीई होउ ति पेसइस्लामि, नो चेव अम्ह धूया व एस' त्ति । पडिवनं मूलाए । तओ सा जहा निय For Private And Personal Use Only

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