Book Title: Selections in Arddhamagadhi For SSC Examinations Author(s): Venus Book Stall Publisher: Venus Book StallPage 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ... ४२ . ... Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एक्केण विसरउ सरेण वाह किं बीयएण गहिएण । एक पि वसइ जीयं हयास दोहिं पिय सरीरे ॥ २१७ || कलियामिसेण उम्मेवि अंगुलिं मालईऍ महमहियं |. धरहु जुधरणसमत्थो मह एंतो महुयरजुवाणो ||२३४ || कत्थ वि दलं न गंधं कत्थ वि गंधो न पउरमयरंदो । एक्ककुसुमम्मि महुयर बे तिण्णि गुणा न लब्भंति || २३७|| वसिऊण सग्गलोए गंधं गहिऊण पारिजायस्स । रे भसल किं न लज्जसि चुंबतो इयरकुसुमाई || २५३ || हंसो मसाणमज्झे काओ जइ वसई पंकयवणम्मि | तह विह हंसो हंसो काओ काओ च्चिय वराओ || २५८ || माणस सररहियाणं जह न सुहं होइ रायहंसाणं । तह तस्स वि तेहि विणा तीरुच्छंगा न सोहंति || २६३ || सव्वायरेण रक्खह तं पुरिसं जत्थ जयसिरी वसइ । अत्थमिऍ चंदबिंबे ताराहि न कीरए जोण्हा || २६४|| चंदस्स खओ न हु तारयाण रिद्धी वि तस्स न हु ताणं । गरुयाण चडणपडणं इयरा उण निच्चपडियाय ॥ २६७ ॥ नयरं न होइ अट्टालएहि पायारतुंगसिहरेहिं | गाविह यरं जत्थ छइल्लो जणो वसई || २७० || अन्नं धरति हियए अन्नं वायाऍ कीरए अन्नं । छेयाण पत्थिवाण य खलाण मग्गो च्चिय अउव्व || २७४ || करिणो हरिनहरवियारियस्स दीसंति मोत्तिया कुंभे । किविणाण नवरि मरणे पयड च्चिय होंति भंडारा ।। १८१ ॥ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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