Book Title: Selections in Arddhamagadhi For SSC Examinations
Author(s): Venus Book Stall
Publisher: Venus Book Stall

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Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ... २६ ... जहा कागिणिए हेउं सहस्सं हारए नरो। अपच्छे अंबगं भोच्चा राया रज्जं तु हारए ॥ ११ ॥ एवं माणुस्सगा कामा देवकामाण अंतिए । सहस्सगुणिया भुज्जो आउं कामा य दिविया ॥ १२ ॥ अणेगवासानउया जा सा पण्णवओ ठिई। जाणि जीयति दुम्मेहा ऊणवाससयाउए ।॥ १३ ॥ जहा य तिणि वणिया मूलं घेत्तूण निग्गया। एगोऽस्थ लहई लाभं एगो मूलेण आगओ ॥ १४॥ एगो मूलं पि हारित्ता आगओ तत्थ वाणिओ । ववहारे उवमा एसा एवं धम्भे वियाणह ॥ १५ ॥ माणुसत्तं भवे मूलं लाभो देवगई भवे । मूलच्छेएण जीवाणं नरगतिरिक्खत्तणं धुवं ।। १६ ॥ दुहओ गई बालस्स आवई वहमूलिया । देवत्तं माणुसत्तं च जं जिए लोलयासढे ॥ १७ ॥ तओ जिए सई होइ दुविहं दोग्गइं गए। दुल्लहा तस्स उम्मग्गा अद्धाए सुइरादवि ॥ १८ ॥ एवं जियं सपेहाए तुलिया बालं च पंडियं । मूलियं ते पवेसंति माणुसिं जोणिमेति जे ।। १९ ॥ वेमायाहिं सिक्खाहि जे नरा गिहिसुब्वया । उवेति माणुसं जोणि कम्मसञ्चा हु पाणिणो ॥ २० ॥ जेसिं तु विउला सिक्खा मूलियं ते अइच्छिया। सीलवंता सवीसेसा अदीणा जंति देवयं ॥ २१ ॥ For Private And Personal Use Only

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