Book Title: Selections in Arddhamagadhi For SSC Examinations
Author(s): Venus Book Stall
Publisher: Venus Book Stall
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उम्मिल्लइ लायण्णं पययच्छायाएँ सक्कयवयाणं । सक्कयसकारुकरिसणेण पययस्स वि पहावो ।
-गउडवहो ९२-९४, ६५.
फरुसो सकयवंधो पाइयबंधो वि होइ सुउमारो । पुरिसमहिलाण जेत्तियमिहंतरं तेत्तियामिमाणं ।।
-कप्पूरमंजरी १-७. गूढत्थदेसिरहियं सुललियवण्णेहि गंथियं रम्मं । पाइयकव्वं लोए कस्स न हिययं सुहावे ॥
-नाणपंचमीकहा १-४.
पाइयकन्वुल्लावे पडिवयणं सक्कएण जो देइ । सो कुसुमसत्थरं पत्थरेणं अबुहो विणासेइ ।।
-~-अण्णायकविणो.
देसियसदपलोडं महुरक्खरछंदसंठियं ललियं । फुडवियडपायडत्थं पाइयकचं पढेयव्वं ।।
पाइयकन्यम्मि रसो जो जायइ तह व छेयभणिएहिं । उययस्स व वासियसीयलस्स तित्ति न वच्चामो ॥
ललिए महुरक्खरए जुबईमणवलहे ससिंगारे । संते पाइयकन्वे को सकइ सकयं पढिउं ॥
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