Book Title: Selections in Arddhamagadhi For SSC Examinations
Author(s): Venus Book Stall
Publisher: Venus Book Stall

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Page 44
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उम्मिल्लइ लायण्णं पययच्छायाएँ सक्कयवयाणं । सक्कयसकारुकरिसणेण पययस्स वि पहावो । -गउडवहो ९२-९४, ६५. फरुसो सकयवंधो पाइयबंधो वि होइ सुउमारो । पुरिसमहिलाण जेत्तियमिहंतरं तेत्तियामिमाणं ।। -कप्पूरमंजरी १-७. गूढत्थदेसिरहियं सुललियवण्णेहि गंथियं रम्मं । पाइयकव्वं लोए कस्स न हिययं सुहावे ॥ -नाणपंचमीकहा १-४. पाइयकन्वुल्लावे पडिवयणं सक्कएण जो देइ । सो कुसुमसत्थरं पत्थरेणं अबुहो विणासेइ ।। -~-अण्णायकविणो. देसियसदपलोडं महुरक्खरछंदसंठियं ललियं । फुडवियडपायडत्थं पाइयकचं पढेयव्वं ।। पाइयकन्यम्मि रसो जो जायइ तह व छेयभणिएहिं । उययस्स व वासियसीयलस्स तित्ति न वच्चामो ॥ ललिए महुरक्खरए जुबईमणवलहे ससिंगारे । संते पाइयकन्वे को सकइ सकयं पढिउं ॥ For Private And Personal Use Only

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