Book Title: Selections in Arddhamagadhi For SSC Examinations
Author(s): Venus Book Stall
Publisher: Venus Book Stall

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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir .... १४... सो ' एवं ' ति भणित्ता पुणो पट्टिओ। अन्नया रायउत्तं नियलियं पेच्छिऊणाह जावेह चंदसूरा तवंति गयणंगणे गुणविसाले । ताव तुह एरिसं होउ जमहं नियच्छामि ॥ बद्धो मुक्को भाणिओ य 'एरिसे भण्णए इमं मूढ' । 'तुम्ह इमं अजं चिय विहडउ, किं कालखेवेण' । ताहे ' एवं ' ति भणिऊण पट्टिओ। पेच्छइ य दोण्ह सुबहुयकालविरुद्धाण नरवरिंदरणं । साहुपुरिसेहि सद्धिं नरघट्ट कीरमाणं सो ॥ सो भणइ 'तुम्भ एयं विहडउ किंचि कालेण। इय सो कहिंचि जीओ एगस्सोलग्गओ जाओ ॥ अन्नया दुभिक्खे तस्स तस्सामिणो भज्जाए अंबिलजाओ सिद्धिल्लिओ । सो य से तस्सामी ओलग्गओ गओ। सो तीए भणिओ, गच्छाहि, भोइयं भणाहि, 'एहि जाव अंबिलजाओ न सीयलीहोहिइ ' त्ति । सो गओ । तेण रणो अत्थाइयाए तहेव महया सद्देण सो हकारिओ, विलक्खो य जाओ। घरगएण य अंबाडिओ, भणिओ य ' एरिसे कजे सणियं कण्णमूले ठाइऊणं विभाए कहिज्जइ'। तओ से अन्नया घरं पलितं, भोइणीए पट्टविओ 'भोइयं हकारेहि । सो गओ, पत्थावे लद्धे चिराओ कण्णे कहेइ 'एवं च', जाव सो आगच्छइ ताव घरवासो झामिओ । तत्थ वि अंबाडिओ । भणिओ य 'एरिसे जाहे चेव धूममेत्तं पि होइ ताहे लहुं चेव उदयं उवार दिज्जइ जाव कंजियं' ति । एवं अन्नया For Private And Personal Use Only

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