Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 02
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia
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→ विषयसूची। मालयन......०१) जैन गाथाओंका शक राजा। इतिहासका महत्व। कुशन साम्राज्यका पतन । कथा और जनधुति। (२) सम्राट् खारवेल ....३१ प्रस्तुत इतिहासका महत्व। फलिगका ऐल चेदिवंश। चौबीस तीर्थकर ।
खारवेलका राज्याभिषेका जैनधर्मको विशेषता। खारवेल गज्यका प्रथम वर्ष । इतिहास सुधार व गोर्य प्रवर्तक है। खारवेलकी प्रथम दिग्विजय । (१) इन्डोस्ट्रियन व पार्थियन गजधानीमें उत्सव।
राज्य..................पृष्ट ९ ग्यारवेलका आक्रमण। वैक्ट्रियन पापियन राज्य । तन सुतियनहर व जनपद नख्या । गजा मेनेन्डर व जैनधर्म। ग्वारवेलफी रानिया व पुत्रलान। शक व मुगन आक्रमण। खारवेलका मगधपर आक्रमण । महागज अजेम व जनधर्म । खारवेलका दान वईत् पूजा। फाल्काचार्य।
ग्यारवेलका भारतपर माक्रमण | मत्राट कनिष्का
मगवपर आक्रमण व विजय। विदेगी आक्रमणोंका प्रमाव । पाध्यदेशक नरेशकी भेंट। कुगन मात्राज्यमें जैनधर्म। तत्कालीन दशा। जनवर्मका विशाल रूप। खारवेलका राज्य प्रबंध। उन्नप राजवा
ग्वारवेलफा राजनैतिक जीवन । उत्रप नहपाना
खाग्वेलका गाईस्थ्य जीवन । नहपान व जैनशास्त्र । , जनधर्म प्रमावनाके कार्य। नहपान ही भूतपलि हुमाया। जिनवाणीका उद्धार। छत्रप मामह जनी।
खारवेलका शिलालेख। शक मम्यता
नन्दाब्द।
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