Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 02
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 10
________________ B निवेदन। जैन समाजमे ऐतिहासिक खोजपूर्ण पुस्तकोंके सुप्रसिद्ध लेखकश्री० बा० कामताप्रसादजी जैन कृत-"संक्षिप्त जैन इतिहास दूसरा भाग-प्रथम खंड" तीसरे वर्ष हमने प्रकट किया था और इस वर्ष यह दूसरे भागका दूसरा खंड प्रगट किया जाता है जिसमे इस्वीसन पूर्व २५० वर्षसे इस्वीसन् १३०० तकका जैनोका प्राचीन इतिहास संक्षिप्त रूपसे वर्णित है। बा० कामताप्रसादजीकी ऐतिहासिक खोजकी हम कहातक प्रशंसा करें। आज जैन समाजमे तुलनात्मक दृष्टिसे जैन इतिहासकी खोज करने व उसको प्रकाशमे लानेवाले यह एक ही व्यक्ति हैं। यदि आपकी लेखनीको उत्तेजित की जाय तो आपके द्वारा और भी अनेक ऐतिहासिक ग्रन्थ लिखे व प्रकट किये जा सकेंगे। यह ग्रन्थ 'दिगम्बर जैन' (सूरत) के २७ वें वर्षके ग्राहकोंको भेटमे दिया जायगा तथा जो 'दिगंबर जैन' के ग्राहक नहीं है उनके लिये कुछ प्रतियां विक्रयार्थ भी निकाली गई है। आशा है कि ऐसे ऐतिहासिक ग्रन्थका अच्छा प्रचार होगा। प्रकाशका

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