Book Title: Samyag Darshan Part 03
Author(s): Kundkund Kahan Parmarthik Trust Mumbai
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust Mumbai

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Page 6
________________ www.vitragvani.com (vi) उसकी प्राप्ति करनेवाला जीव अवश्य मोक्ष पाता है। इसलिए ऐसे सम्यग्दर्शन की प्राप्ति का प्रयत्न करना वही इस दुर्लभ मानव जीवन का महा कर्तव्य है... और उसके लिये ज्ञानी - धर्मात्माओं का सीधा सत्समागम सबसे बड़ा साधन है। जिसे सम्यग्दर्शन प्रगट करके इस असार संसार के जन्ममरण से छूटना हो और फिर से नौ महीने तक नयी माता के गर्भ में न आना हो उसे सत्समागम के सेवन पूर्वक आत्मरस से सम्यग्दर्शन का अभ्यास करना चाहिए । सम्यग्दर्शन की दो पुस्तकों के पश्चात् यह तीसरी पुस्तक जिज्ञासु साधर्मियों के हाथ में देते हुए आनन्द होता है । मानव जीवन में सम्यग्दर्शन कितना आवश्यक कर्तव्य है यह समझ में आये और सम्यग्दर्शन का प्रयत्न करने की प्रेरणा जागृत हो यही इस पुस्तक का उद्देश्य है । इसी हेतु से पूज्य गुरुदेव के प्रवचन, चर्चा तथा शास्त्रों में से दोहन करके सम्यग्दर्शन सम्बन्धी विविध लेखों का इसमें सङ्कलन किया गया है। ब्रह्मचारी हरिलाल जैन श्रुत पञ्चमी संवत् २४९०, सोनगढ़ Shree Kundkund - Kahan Parmarthik Trust, Mumbai.

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