Book Title: Samyag Darshan Part 03
Author(s): Kundkund Kahan Parmarthik Trust Mumbai
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust Mumbai

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Page 4
________________ www.vitragvani.com (iv) आपश्री की सातिशय अध्यात्मवाणी के पावन प्रवाह को झेलकर उसे रिकार्डिंग किया गया जो आज सी.डी., डी.वी.डी. के रूप में उपलब्ध है। साथ ही आपश्री के प्रवचनों के पुस्तकाकार प्रकाशन भी लाखों की संख्या में उपलब्ध है, जो शाश्वत् सुख का दिग्दर्शन कराने में उत्कृष्ट निमित्तभूत है। इस उपकार हेतु पूज्यश्री के चरणों में कोटिश नमन करते हैं। इस अवसर पर मुमुक्षु समाज के विशिष्ट उपकारी प्रशममूर्ति पूज्य बहिनश्री चम्पाबेन के प्रति अपने अहो भाव व्यक्त करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता है। प्रस्तुत ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद एवं सम्पादन पण्डित देवेन्द्रकुमार जैन, बिजौलियाँ (राज.) द्वारा किया गया है। जिन भगवन्तों एवं वीतरागी सन्तों के हार्द को स्पष्ट करनेवाले आपके प्रवचन ग्रन्थों की श्रृंखला में ब्रह्मचारी हरिलाल जैन, सोनगढ़ द्वारा संकलित प्रस्तुत 'मानव-जीवन का महान कर्तव्य-सम्यग्दर्शन भाग-3' प्रस्तुत करते हुए हम प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। सभी आत्मार्थी इस ग्रन्थ के द्वारा निज हित साधे – यही भावना है। निवेदक ट्रस्टीगण, श्री कुन्दकुन्द-कहान पारमार्थिक ट्रस्ट, मुम्बई एवं श्री दिगम्बर जैन स्वाध्यायमन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़ Shree Kundkund-Kahan Parmarthik Trust, Mumbai.

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