Book Title: Samayik Ek Adhyatmik Prayog
Author(s): Subhash Lunkad
Publisher: Kalpana Lunkad

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Page 8
________________ दो शब्द जैन धर्म की विविध क्रिया आचार पध्दति में 'सामायिक' का अपना विशिष्ट स्थान है । आत्मा को जागृत करने की एक महत्वपूर्ण सकारात्म प्रक्रिया है । आत्म शुध्दि हेतु किये गये एक मौलिक प्रयोग का रूप है । "हेय-ज्ञेय और उपादेय तीनों रूप सामायिक-क्रिया में समाहित हैं । यम- आसन - मौन - ध्यान सभी सामायिक विधि में गर्भित है । मुक्ति रूप महामहल को पहुँचाने वाला महापथ सामायिक ही है। "सामायिक एक आध्यात्मिक प्रयोग" नामक यह छोटे आकारवाली पुस्तिका जिसके संकलन कर्ता मान्यवर डॉ. सुभाषजी लुंकड है, "दिखने में छोटी लगे, ज्ञान दे गंभीर " इस उक्ति के अनुसार डॉ. सुभाषजी का दृष्टिकोण सराहनीय रहा है कि, अधिक से अधिक बहन और भाई एवं युवक युवतियाँ इस पुस्तक का पठन पाठन करे। ताकि जीवन मे साधना का प्रकाश जगमगा उठे । मैं डॉ. सुभाषजी को साधुवाद दूँगा । व्यस्त जीवन होनेपर •भी जिन्होंने समय का सदुपयोग इस पुस्तक में किया है। प्रवर्तक रमेशमुनि iv

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