Book Title: Samayik Ek Adhyatmik Prayog
Author(s): Subhash Lunkad
Publisher: Kalpana Lunkad

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Page 50
________________ 14) पारंपारिक सामायिक की विधि 1- धर्मस्थान तथा एकांत स्थान 2- भूमि को पूंजनी से साफ कर आसन बिछाना। 3- मुँहपत्ति मुँहपर बांधे। 4- फिर साधु साध्वीजी होवे तो उनको और वे न होवे तो पूर्व ___ उत्तर या ईशान दिशा की तरफ “गुरू वंदना' का पाठ कहते हुए तीन बार नमस्कार करे। 5- फिर बैठकर 6- प्रथम नवकार मंत्र 7- फिर तीन तत्व का पाठ 8- फिर गुरू गुण का पाठ 9- फिर इरियावहि का पाठ 10- फिर तस्स उत्तरी का पाठ 11- फिर कायोत्सर्ग करना कायोत्सर्ग मे मन मे इरिआवहि का पाठ कहना।उसमे मिच्छामि दुक्कडं नही देना / एक नवकार मंत्र कहकर कायोत्सर्ग पालना 12- फिर चार ध्यान का पाठ कहना। 13- फिर लोगस्स का पाठ कहना। 14- फिरसे साधुजी या साध्वीजी को या पूर्व, उत्तर या इशान दिशाकी तरफ मुँह करके भगवान को वंदना करना / 15- फिर करेमि भंते का पाठ कहना / 16- फिर दाए घुटने को नीचे दाब, बायाँ घुटना खडा रख, बैठकर दोनों हाथ जोड मस्तक पर चढा, दो वक्त नमोत्थुणं का पाठ 38

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