Book Title: Saman Diksha Ek Parichay Author(s): Sanmatishree Samni Publisher: Jain Vishva BharatiPage 10
________________ समण दीक्षा क्या है? समण दीक्षा है अपने आपकी पहचान का एक अमोघ संकल्प। समण दीक्षा है जीवन के मौलिक मूल्यों का बोध देने वाला एक अभिनव अनुष्ठान। समण दीक्षा है मन को निर्ग्रन्थ बनाने का एक छोटा-सा उपक्रम। समण दीक्षा है एक ऐसा पड़ाव, जहां से मंजिल सामने दीखने लगती है। समण दीक्षा है विप्लवी शक्तियों के प्रतिवाद में उभरती हुई आत्मशक्ति का साक्षात्कार। समण दीक्षा है एक नया प्रयोग, जो अमेक प्रकार की संभावनाओं के वलय से आवेष्टित है। समण दीक्षा है जीवन का वह विराम, जहां से एक नये छंद का प्रारम्भ होता है। समण दीक्षा है अध्यात्मविद्या सीखने और मुक्तभाव से बांटने का एक नया अभिक्रम। समण दीक्षा है लोकोत्तर बनने की दिशा में किया गया प्रस्थान। समण दीक्षा है अपने समस्त परिवेश के प्रति सक्रिय रहने का मनोभाव। समण दीक्षा है मुमुक्षु और मुनि के मध्य एक सशक्त सेतु। समण दीक्षा है समय के भाल पर उदीयमान नये निर्माण का एक संकेत। समण दीक्षा है जाग्रत कल की उदग्रीव प्रतीक्षा में अंगड़ाई ले रहा अध्यात्म का अंकुर। . अंधेरे में उजाला करने का प्रयत्न है-समण दीक्षा। - गणाधिपति तुलसी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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