Book Title: Saman Diksha Ek Parichay Author(s): Sanmatishree Samni Publisher: Jain Vishva BharatiPage 47
________________ ४६ समण दीक्षा : एक परिचय ११. मैं किसी भी विवादास्पद विषय में आप या आप द्वारा निर्दिष्ट व्यक्ति के निर्णय को सहजता से स्वीकार करूंगा/करूंगी। यह संकल्प पत्र मैंने श्रद्धापूर्वक स्वीकार किया है, संकोच, आवेश या प्रभाववश नहीं। स्वीकर्ता स्वीकी समण/समणी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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