Book Title: Saman Diksha Ek Parichay Author(s): Sanmatishree Samni Publisher: Jain Vishva BharatiPage 18
________________ समण दीक्षा : एक परिचय १७ देने वाले नामों के पीछे प्रज्ञा शब्द योजित किया जाता है। साध्वी समाज में प्रभा, श्री, लता, विभा, आदि अनेक प्रकार के शब्द मूल नाम के पीछे जुड़ते हैं किन्तु समण श्रेणी के प्रत्येक सदस्य के नाम के पीछे 'प्रज्ञा' शब्द का ही चयन किया गया है। स्थितप्रज्ञा स्मितप्रज्ञा, मधुरप्रज्ञा, कुसुम प्रज्ञा, सरलप्रज्ञा और विशुद्धप्रज्ञा नींव के पत्थर बनने वाली समणियां हैं। समण श्रेणी के प्राथमिक मानक इसकी अलग पहचान देते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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