Book Title: Samadhan Author(s): Bhadraguptasuri Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir र पत्र नं. १. ....... ११ र ......... w 3 । ......४१ ....४६ ११. १२. ६ १३. १४. १५. अनुक्रमणिका विषय .... प्रस्तावना ... आत्मा और कर्म कर्म क्या है? .... कर्म क्या है? ..... .............. कर्मबंध के प्रकार कर्मबंध के प्रकार कर्म की व्याख्याएं अंतरायकर्म ...... लाभांतराय कर्म .. दानांतराय कर्म. भोग उपभोग कर्म भोग उपभोग कर्म वीर्यान्तराय कर्म वेदनीय कर्म शाता वेदनीय कर्म मोहनीय कर्म मिथ्या मोह के कारण चारित्र मोहनीय कर्म . .......... कषायों के बारे में ... नो-कषाय ........... चारित्र मोह के कारण . ................. ज्ञानावरण कर्म .... श्रुत ज्ञानावरण कर्म ज्ञानावरण के कारण अवधि ज्ञानावरण कर्म मनःपर्यव ज्ञानावरण कर्म .......... केवलज्ञान . चक्षु अचक्षु दर्शनावरण. अवधि केवल दर्शनावरण ... दर्शनावरण कर्म (निद्रा के प्रकार) ..... उच्च-नीच गोत्रकर्म .७१ १६. .७६ १७. ८१ १८. Co १९. ९२ २०. .९७ २२. .१०२ ..१०८ ...११४ २३. २ .११९ २५. .१२६ 25 ......१३१ .............. ण......... १३५ .१४० १४५ ३०. ..१४८ ३१. १५२ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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