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श्री सहजानंदघन गुरूगाथा .
C पूज्य गुरुदेव के कुछ प्रेरक पत्र : (आश्रम अध्यक्ष चंदुभाई एवं प्रो. प्रतापभाई के विषय में)
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हम्पी, 31-10-1969 परम कृपाळुदेव के लाडले 'लाल' (श्री लालभाई सोमचंद शाह अहमदाबाद),
"शरद पूर्णिमा" के दिन श्री छोटुभाई, श्री चंदुभाई टोलिया सहपरिवार और उनके अनुज प्रो. प्रतापभाई टोलिया आये थे । चंदुभाईने बांधकाम देखकर संतोष व्यक्त किया था । उचित परामर्श सूचनाएँ दी थीं।।
प्रतापभाईने सितारवादन से 'अपूर्व अवसर' एकतानता से गाया, जिसमें स्वयं रसप्लावित बने । तीन प्रवचन उनके ही प्रश्नोत्तर के रूप में सुनकर बड़े ही प्रसन्न हुए थे और इस देहधारी को अमरिका ले जाकर वहाँ के लोगों को पारमार्थिक मार्गदर्शन के हेतु हार्दिक अनुरोध किया था । फिर से अपनी मित्रमंडली सह यहाँ आया जा सके ऐसी भावना से अपना प्यारा सितार भी यहाँ रखकर गये हैं । चंदुभाई-छोटुभाई की लगनी भी तीव्र होती दिख रही है । (पत्रसुधा)
सहजानंदघन
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हम्पी, 23-11-1969
(पत्रांक 290) 'परमकृपाळु के लाडले लाल, ( श्री लालभाई)
ट्रस्टीओं के नये चुनाव में श्री चंदुभाई को अध्यक्षपद पर चुना गया । बांधकाम विभाग उपाध्यक्ष को सौंपा गया । प्रतापभाई का पत्र नहीं है । (पत्रसुधा)
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(पत्रांक 201) प्रतापभाई टोलिया व्यस्ततावश न तो ववाणिया जा सके, या न यहाँ यथा समय पत्र प्राप्ति की सूचना दे सके । उनका पत्र दो दिन पूर्व आया है। (पत्रसुधा)
सहजानंदघन
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