Book Title: Sahajanandghan Guru Gatha
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Jina Bharati

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Page 135
________________ (30) पत्रावली पत्रांक 194 ) ॥ ॐ नमः ॥ • श्री सहजानंदघन गुरूगाथा भव्यात्मा श्री नवीनभाई सपरिवार, "कामकाज की भीड़ के कारण देरी से प्रस्थान कर और रास्ते में मोटर बिगड़ने से, प्रो. प्रतापभाई आखिर आप गये उसके दूसरे दिन यहाँ आ सके । केवल दो दिन रहकर कल प्रभात के समय वापिस गये । उनकी धारणानुसार आत्मसिद्धि का हिन्दी अनुवाद यहाँ भी संपन्न कर नहीं सके उसके लिए खेद व्यक्त किया । मैने आश्वासन देकर यथाप्रकार कार्य संपन्न करने का कहकर उन्हें विदा दी । इसलिये अभी तो आप प्रथम पुस्तक का ही प्रकाशन करें । आत्मसिद्धि का उसके बाद देखा जायेगा । अनुवाद थोड़ा थोड़ा करके आपके पास भेजते रहेंगे ।" सहजानंदघन ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हम्पी, 17-09-1970 (31) श्री चंदुभाई का स्वर्गवास : गुरुदेव का महाप्रयाण 02-10-1970 के दिन इस हम्पी आश्रम के अध्यक्ष श्री चंदुभाई टोलिया पू. गुरुदेव के दर्शन कर स्वगृह लौटते हुए अपनी कार दुर्घटना में प्रभुशरण हुए । यह आघात तो प्रत्येक आश्रमवासी पर पड़ा ही था, उतने में दूसरा कातिल उदय आया... प्रभु 2027 के का.शु. 3 की रात दो बजे निर्वाण पधारे । भारी वज्राघात अनुभव हुआ । स्थायी शांति दाता, अशोकवृक्ष सम शीतल छाया विलीन हो गई ! (पत्रसुधा ) (115) ...... श्री लालभाई, अहमदाबाद ( नवम्बर 1970 )

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