Book Title: Rushabhdev
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 7
________________ ऋषभदेव &000 स 1000 100 R SOD मैं अपने ज्योष्ठ पुत्र भरत को अयोध्या का सम्राट घोषित करता है। पोदनपुर का राज्य बाहुबलि को देता हूं। शेष पुत्रों को अलग-अलग प्रदेशका राजा बनाया जाता है। FOLDER Ugg HD naam KODOOT BESH वाला ROCOCICIOS । ऋषभदेव सिद्धार्थ वन जा रहे हैं। THREE E AAL प्रिय प्रजाजनों। में दिगम्बर सन्यासी बनने जा रहा हूं। राज्य से, संसार की किसी भी वस्तु से मेरा कोई सम्बंध नहीं रहा है। एक दूसरे का सहयोग करना, सुख-दुश्व में काम आना। हिंसा,झूठ,चोरी, व्यभिचार, सभी प्रकार की बुराईयों से दूर रहना । संसार में यही सुख का रास्ता है। CO JABARJALANCE FOLLESIJLLE TOOTH

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