Book Title: Rushabhdev
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 17
________________ ऋषभदेव कहा था स्वामी पर बाहुबलिन युद्ध से डरते हैं और न मृत्युसे। ७०.०.O सम्राट। तुमने कहानहीं कि बाहुबलि आपको चक्रवर्ती की विशाल बहुत प्यार और सेना से युद्ध करना सम्मान करते हैं। बुढ़िमानीनहीं। किन्तु उन्होंने आपकी आधीजला स्वीकार करना अस्वीकार कर दिया। - Q000 POOOOOOO बड़ी कठिन समस्या है, अब क्या करना चाहिए? मैं अपने छोटे भाई से युद्धनहीं करना चाहता,मुझेचक्रवर्ती पद नहीं चाहिए। नहीं स्वामी अपने निर्णय पर फिर से विचार कीजिए। यह चक्ररत्न का अपमान होगा। बाहुबलि ने आपकी आधीनता स्वीकारनकरके आपका अपमान किया है। AR oad O05.00

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