Book Title: Ratnasar
Author(s): Tarachand Nihalchand Shravak
Publisher: Tarachand Nihalchand Shravak

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ ( २ ) ॥ विषयानुक्रमणिका ॥ प्रश्न. विषय. ५ पुण्य क्रिया अत्यादरें सेवा विषे. ६ हेय, ज्ञेय, उपादेय शब्द नो भावार्थ. द्रव्य काउसग, भाव काउसग ना भेद. | शुभ क्रिया थी निर्जरा अने शुभ क्रिया थी बंध केहवी रीते नीपजे ? ० ४ प्रकार. भाव नव निधान ते श्युं ?. ११ पांच इंद्री ना विकार मिटै किहा गुण निर्मल ता थाथ ? च्यार प्रकार ना मिथ्यात्व नो स्वरूप. सत्ता ते ४ प्रकार नी. जीव ने खेद ऊपन्यो किम टलै ? धर्म कथाना क्षेपणी, विक्षेपणी इत्यादि पृष्ठ. १२ १३ १४ च्यार प्रकार ना अनर्थ दंड. १५ आठ प्रकार ना वचन परिसह. १६ सिफई बुझई इत्यादि नो स्वरूप. ६ "" 33 ८ "" ९ "" १० "" "" १२

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 332