Book Title: Pushpa Prakaran Mala Author(s): Purvacharya Publisher: Jinshasan Aradhana Trust View full book textPage 6
________________ - and 'अहम् श्री पार्श्वनाथाय नम कायस्थिति प्रकरण. (मूल तथा भाषांतर सहित.) (१) वर्षमानं जिनं नत्वा, यथाभूतार्थदेशकम् । कुर्व कायस्थितिस्तोत्रे, कियदर्थप्रकाशकम् ॥१॥ अर्थ-यथार्य तत्त्वना उपदेशक श्री वर्धमान स्वामीने नमस्कार करीने आ कायस्थिति नामना स्तोत्रमा (नो.) केटलोक अर्थ प्रकाश करु ई. श्री प्रज्ञापना उपांग तथा विवाह प्रज्ञालि (भारती) विगेरे सूत्रोमां कायस्थिति तया भव संवेष विगेरेनो विचार सविस्तर कहेलो छे, तेने पोवानी बुदियी अवधारण करीने जाप कर्चा भाचार्य (श्री कुलमंडन सरिए) पंचम काळने लीयेPage Navigation
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