Book Title: Prem Geeta
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 23
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org [१०] श्रीमहावीरजिनचैत्यवन्दनम् . ॐ श्रीमहावीर ! वर्धमान जिनेश्वर ! शान्ति तुष्टिं महा पुष्टिं कुरु स्वेष्टं दुतं प्रभो ! सर्वदेवाधिदेवाय नमो वीराय तायिने । ग्रहभूतमहामारी, द्रुतं नाशय नाशय सर्वत्र कुरु मे रच, सर्वोपद्रवनाशतः । जयं च विजयं सिद्धिं कुरु शीघ्रं कृपानिधे ? त्वन्नाम स्मरणादेव ! फलतु मे वांछितं सदा । दूरीभवन्तु पापानि, मोहं नाशय वेगतः ॐ ह्री महावीर - मंत्रजापेन सर्वदा बुद्धिसागरशकीनां प्रादुर्भावो भवेद् ध्रुवम् For Private And Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ १ ॥ ॥ २ ॥ ॥ ३ ॥ 11811 ॥ ५ ॥

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