Book Title: Prathamam Girvan Sahitya Sopanam
Author(s): Ramchandra B Athavale, Rasiklal C Parikh
Publisher: S B Shah Co
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३४
प्र०
द्वि०
तृ०
च०
पं०
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नृ०
च०
प्र० यः
द्वि०
ष०
एकवचन
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स०
काम्
कया
कस्यै
कस्याः
प्र०
द्वि.
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कस्याम्
एकवचन
पं० यस्मात्
यम्
येन
यस्मै
यस्य
यस्मिन्
यत्
11
प्रथमं गीर्वाणसाहित्यसोपानम् ।
किम् (स्त्रीलिंग ) द्विवचन
के
19
काभ्याम्
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कयोः
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यद् (7) (पुल्लिंग) द्विवचन
यौ
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याभ्याम्
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ययोः
19
यद् नपुंसक० ये
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बहुवचन
काः
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
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काभिः
काभ्यः
99
कासाम्
कासु
बहुवचन
ཡྻུཾ, ཝཱཙྪིཾ སྠཽ ཏྠཾ
બાકીનાં રૂપાખ્યાના પુલ્ડિંગની માક.
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