Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Charanvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 27
________________ सटा-शकट-कैटभे ढः॥८।१।१९६ ॥ स्फटिके लः॥ ८।१।१९७॥ चपेटा-पाटौ वा ॥ ८॥ १। १९८ ॥ ठो ढः ॥ ८ । १ । १९९ ॥ अकोठे लः ॥ ८।१।२०० ॥ पिठरे हो वा रश्च डः॥ ८।१। २०१॥ डो लः॥८।१।२०२॥ वेणौ णो वा ॥ ८ ॥ १। २०३॥ ८।१।२०४॥ तगर-त्रसर-तूबरे टः ॥ ८।१।२०५॥ प्रत्यादौ डः॥८।१।२०६॥ इत्वे वेतसे ॥ ८।१।२०७॥ गर्भिता-ऽतिमुक्तके णः ॥ ८।१।२०८॥ रुदिते दिना ण्णः॥ ८।१।२०९॥ सप्ततौ रः ॥ ८॥ १।२१०॥

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