Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Charanvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 107
________________ प्राकृते घत्त घिस घुम्म घुल घुसल घेप्प घोट घोल चकम्म चचुप्प चच्छ चड चडू चडू चड्ड चमढ चय ९५ संस्कृते गवेष् ग्रस् घूण् " मन्थ प्रहू पिब् घूर्ण भ्रम् अर्पि तथ् आड्रुह् मृद् पिष् भुज् 35 श प्राकृत सूत्राङ्कः ४।१८९ ४।२०४ ४।११७ 99 99 ४।१२१ ४।२५६ ४|१० ४।११७ ४।१६१ ४।३९ ४।१९४ ४।२०६ ४।१२६ ४।१८५ ४|११० 99 99 જોક્

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