Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Charanvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 108
________________ प्राकृते चल्ल चव चिश्व चिञ्चअ चिञ्चिल्ल चिट्ठ चिण चिम्म चिव्ण चुक्क चुलचुल चोप्पड छज छडू छिन्द छिप्प छिन ९६ संस्कृते चल् कथ् मण्डयू 36 " स्था HEER भ्रंश् स्पन्द प्रक्ष राज् मुच् छिद् स्पृह " प्राकृतसूत्राङ्कः ४।२३१ ४/२ ४।११५ "" "" " " ४।१६ ४।२४१ ४।२४३ ४।२४२ ४।१७७ ४।१२७ ४।१९१ ४।१०० ४ । ९१ ४।२१६ ४/२५७ ४।१८२

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