Book Title: Prakrit Vyakaranam
Author(s): Charanvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha
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प्राकृते
णिवह
णिव्वड
णिव्वर
णिव्वर
णिव्वल
णिव्वा
णिव्बोल
णिहुव
णिहोड
णिसुद
णी
णीण
णीरव
णीरव
णीलुक
णीलुन्छ
णीसर
१०२
संस्कृते
पिष्
भू
कथ्
छिद्
मुच्
वि० श्रम्
कृ
कम्
निर्० वृ०पत्
नम्
गम्
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बुभुक्ष्
आब्० क्षिप्
गम्
कृ
रम्
प्राकृत सूत्राङ्कः
४।१८५
४।६२
४ | ३.
४। १२४
४९२
४।१५९
४१६९
४।४४
४।२२
४।१५८
४।१६२
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४/५
४।१४५
४।१६२
४/७१
४।१६८
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