Book Title: Prakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Author(s): Somchandravijay Gani
Publisher: Surendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh

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Page 445
________________ भुंज् (भुञ्ज्) नभj. भुल्ल् (भ्रंश) लूस, यू. भूस् (भूषय्) शोलावयुं, शारागार. म मंत् (मन्त्रय्) विचार $२वो. नि+मंत् (निमन्त्रय्) निमंत्राग 5, जोधापj. मग्ग् (मार्गय्) भागवु, शोध. मज्ज् ) (मद्) भ६ ५२खो } (मद) અભિમાન કરવું. मन्न् (मन्-मन्य) भानपुं, वियार. मर् (मृ) भरj. मरिस् (मृश्) वियारj. मच्च् मरिस् (मृष्) सहन डवु, क्षमा આપવી. माण् (मानय्) सन्मान रखो, આદર કરવો. FHOT (I) [wool 2g, szug. मंच् } (मुच्–मुञ्च्) भूद्रुवु, छोऽवु. मुय् मुज्झ (मुह् - मुह्य) भुंञावु, भोड પામવો, ઘેલા થવું. मुण (ज्ञा) भागवु. मुव्वहइ (उद् + वहति) ते धाराग रे छे. मेल्ल (मुच) भूड, छोडं. ४०६ र रंज (रज्) जुशी ४२j. THE (T&T) 2011 12g. रक्खाव् प्रे. (रक्षय्) पालन डरावj. रम् (रम्) रभवु, खानंद मानवो. Ta (Tara) zug, sùsag, malag. रव् (रु) शब्६ ५२१ो, जवान डवो. राय् (राज् - वि+राज्) शोल विशj. वि+राय } रुंधू, रुज्झ ) (रुध्) रोड. } संभ् रुच्च् ) (रुच्) रुयवुं, पसंह पडवु. रोय रुव्, रोव् (रुद्) शेवुं, रुहन, 5. रोह } (रूह) ढग. १५. આરોહણ કરવું. रूस् । (रुष्-रुष्य) डोध २वो, रुस्स् रेह (राज्) शोलj. } રોષ કરવો. रोमन्थ, वग्गोल (रोमन्थय्) वागणj. ल लज्ज् (लस्ज्–लज्ज्) पामवी शरभा लव (लप्) जोसवु, हेवु. लह्, लभ् (लभ्) भेजव, पामवु. faq (foq) alug, alusg.

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