Book Title: Prakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Author(s): Somchandravijay Gani
Publisher: Surendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh

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Page 481
________________ ४४२ वुट्ठि स्त्री. (वृष्टि) वृष्टि, १२साह. वुड्ढत्तण न. (वृद्धत्व) १६.. वुड्ढि स्त्री. (वृद्धि) वृधि, यती. वुत्त वि. (उक्त) हे. वेज्ज पुं. (वैद्य) वैध वेरुलिअ । पुं. न. (वैडूर्य) वेडूरिअ, वेडुज्ज । वरत्न. वेयावच्च । न. (वैयावृत्य) वेयावडिअ) सेप, शुश्रूषा वेर, वइर न. (वैर) शत्रुता वेरग्ग न. (वैराग्य) वैराय. वेसवण। पुं. (वैश्रवण) औ२, वेसमण J यक्षरान. वेसा स्त्री. (वेश्या) वेश्या वोसिरण (व्युत्सर्जन) त्या २. स सइ, सया अ.(सदा) ईमेश, निरन्त२. सइ, सई अ. (सकृत्) पा२. सइंदय वि. (सेन्द्रक) ईन्द्र सहित. सइन्न, न. (सैन्य) सैन्य ६१४२ सिन्न, सेन्न सई स्त्री. (सती) सती स्त्री सउण पुं. (शकुन) पक्षी, न. र्शन मा निमित्त संकला स्त्री. (शृङ्खला) Ai59. संगम पुं. (सङ्गम) मा. संघ पुं. (सङ्घ) संघ, समुदाय, श्रम यतुविय संघ. संजम पुं. (संयम) संयम, यारित्र, साह पापोथी निवृत्ति संजुअ वि. (संयुत) युन, साहित. संजोग पुं. (संयोग) सं०५, मेणा५. संति पुं. (शान्ति) सोगमा सन. संतिण्ण क. भू. (सन्तीर्ण) नरी गयेवा. संतोस पुं. (सन्तोष) संतो५. संपइ अ. (सम्प्रति) पाब, मgi संपइनरिंद पुं. (सम्प्रतिनरेन्द्र) संप्रति रा. संपत्ति स्त्री. (सम्पत्ति) संपा, cिe. संफास पुं. (संस्पर्श) स्पर्श संबंध पुं. (सम्बन्ध) संसर्ग, संग, गो , स. संवच्छरिअ वि. (सांवत्सरिक) संवत्स२ संबंधा संवेग पुं. (संवेग) संसारथी વૈરાગ્ય, મોક્ષાભિલાષ. संसग्ग पुं. (संसर्ग) संप, संबं५. संसार पुं. (संसार) संसार. संसारचक्क न. (संसारचक्र) સંસારરૂપી ચક્ર.

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