Book Title: Prakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Author(s): Somchandravijay Gani
Publisher: Surendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 486
________________ सुसाण न. ( श्मशान) मसाएर मसाण શ્મશાન सुह न. (सुख) सुख. सुह न. ( सुभ) भंगण, त्याग. सुहा स्त्री. (सुधा) अमृत. सुहि वि. (सुखिन् ) सुजी. सुहेण तृ. ए. ( सुखेन) सुखपूर्वक सूर पुं. (शूर) शूर, पराम्भी सूरि पुं. (सूरि) खायार्थ. सूल पुं. न. (शूल) शूल, रोग. विशेष, शस्त्र विशेष. सेणा स्त्री. (सेना) सेना सेणावर पुं. (सेनापति) સેનાનો સ્વામી. सेणिअ पुं. (श्रेणिक) रामनुं नाम. सेत्तुंज पुं. (शत्रुञ्जय) सिद्धायस. सेवा स्त्री. (सेवा) सेवा, गाडरी, लहित. सेस वि. (शेष) जाडी, शेष. सोक्ख न. ( सौख्य) सु. सोग - अ पुं. (शोक) शो, हिलगिरी. सोत्त न. ( श्रोत्र) एर्ग, अन. सोम पुं. (सोम) यन्द्र. सोहण वि. (शोभन ) सुन्दर सोहा स्त्री. (शोभा) शोला, हीप्ति ४४७ ह हंतूण सं. भू. (हत्वा) डागीने. हत्थ पुं. (हस्त) हाथ. हत्थिणाउर न. ( हस्तिनापुर) हत्थि पुं. (हस्तिन् ) साथी. हद्भि हद्धी } નગરનું નામ. 37. (El fuc) vie, पश्चाताप. हय पुं. (हय) धोडो हरण न. (हरण) (२२, } લઈ જવું. हरि पुं. (हरि) न्द्र, विषय. हार पुं. (हार) भाजा. हालिअ पुं. (हालिक) खेडूत. हिअय हिअ न. (हृदय) ६६५, भन, अन्तःशु. feu fa. (fea) (eds. हिरी स्त्री. (ही) ४. हेउ पुं. (हेतु) हेतु. हेठ्ठ नं. (अधस्) नीथे. हेम न. ( हेमन्) सुवर्श. हेमचंदसूरि पुं. (हेमचन्द्रसूरि ) શ્રીહેમચન્દ્રસૂરિજી.

Loading...

Page Navigation
1 ... 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496