Book Title: Prakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Author(s): Somchandravijay Gani
Publisher: Surendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh
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समणोवासय-ग पुं. (श्रमणोपासक) |
શ્રાવક, સાધુઓનો ઉપાસક. समत्त वि. (समस्त) संपूर्ण, . समत्थ वि. (समर्थ) समर्थ,
शतवाणो. समय पुं. (समय) समय, ,
વખત, અવસર, શાસ્ત્ર समाण वि. (सत्) व. कृ. विधमान,
थतुं. समाण वि. (समान) सश, तुल्य,
सरj. समायरण न. (समाचरण)
माय२, माय२, २. समावडिअ वि. (समापतित)
સન્મુખ આવીને પડેલ. समाहि पुं. स्त्री. (समाधि) चित्तनी
सस्थता, मननी शांति. समिद्धि । स्त्री. (समृद्धि) समृदि, सामिद्धि मानाही, यढती. समीव वि. (समीप) पासे, न05. समीहिअ वि.(समीहित), वांछित. समुद्द पुं. (समुद्र) समुद्र समोसरण । पुं. न. (समवसरण) समवसरण) समोसरा. सम्मं अ. (सम्यक्) सारी रीते. सम्मत्त न. (सम्यक्त्व) सत्यतत्त्व
ઉપર શ્રદ્ધા, સમ્યમ્ દર્શન.
सयं । अ. (स्वयम्) पोते, सइJ पोतानी भेणे. सयण पुं. (स्वजन) युटु, तिql सययं अ. (सततम्) निरन्तर. सयल वि. (सकल) पूर्ण, सर्व. सयसहस्स पुं. न. (शतसहस्त्र)
प, सो पार ॥२. सयायार पुं. (सदाचार) उत्तम
मायार. सर पुं. (शर) मा सर पुं. न. (सरस्) सरो१२. सरअ पुं. (शरद्) १२६ *तु. सरण न. (शरण) १२, माश्रय, २६॥ सरणत्त न. (शरणत्व) शरणा , सरस्सई स्त्री. (सरस्वती) al,
पावी. सरिच्छ । वि. (सदृक्ष) सर, सरिक्ख सरीर न. (शरीर) शरीर सरूव न. (स्वरूप) १३५. सरोय न. (सरोज) मण. सरोरुह न. (सरोरुह) मण. सलाहा स्त्री (श्लाधा) qा,
પ્રશંસા. सवण न. (श्रवण) सोमण. सव्व स. (सर्व) ५.
समान.
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