Book Title: Prakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Author(s): Somchandravijay Gani
Publisher: Surendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh
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जोण्हा स्त्री. (ज्योत्स्ना) यन्ट्रनो
પ્રકાશ.
जोयणपरिमंडल वि. (योजन
परिमण्डल) ગોળાકાર યોજન પ્રમાણ. जोव्वण न. (यौवन) तारु१य, पानी जोह पुं. (योध) योदो.
जीवण न. (जीवन) न. जीवदया स्त्री. (जीवदया) ७१६या. जीवदयामय पुं. (जीवदयामय)
જીવદયા રૂપ. जीवलोग पुं. (जीवलोक) दुनिया,
गत. जीवहिंसा स्त्री. (जीवहिंसा)
જીવોનો વધ. जीवाइ पुं. (जीवादि) ०१, ५०१
વગેરે નવ તત્વ. जीवाउ पुं. न. (जीवातु) ®पाउनाई
औषध, सन्न, पन. जीवाजीवाइ पं. (जीवाजीवादि)
___4-494 न पार्थो. जीविअ न. (जीवित) पन. जीवियंत पुं. (जीवितान्त) प्रानो
झडत्ति अ. (झटिति) खeी, झडित्ति, झत्ति ताणथी. झाण न. (ध्यान) ध्यान. झुणि पुं. (ध्वनि) १७६.
ठिअ वि. (स्थित) 6
खेस.
. नाश.
जुत्त वि. (युका) 6थित, योग्य,
गोडे. जुद्ध न. (युद्ध) युद ई. जुवइपिया पुं. (युवतिपिता) स्त्रीनो
पिता जेट्ठ । वि. (ज्येष्ठ) भोटुं, १८५. जिट्ठ | जोग पुं. (योग) व्यापार, यो... जोगि पुं. (योगिन्) जोगी जोग्ग वि. (योग्य) योग्य वाय.
ण, अण, अ. (न) २२, णाइ समाप, नही. णउण, णउणो अ. (न पुनः) इश णउणा, णउणाइJ नही. णं. अ. (दे.) पाण्यासारे. णत्थि अ. (नास्ति) नथी. णमो अ. (नमस्) नमस्॥२. णवर, अ. (दे.) उपस, इत, णवरं, णवरि मनन्तर. णाम अ. (नाम) संभावना,
આમત્રણ, અનુશા, અનુમતિ. णायव्व वि. (ज्ञातव्य) one योग्य.
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