Book Title: Prakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Author(s): Somchandravijay Gani
Publisher: Surendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh

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Page 477
________________ ४३८ रहिअ वि. (रहित) २जित, पति. | लच्छी स्त्री. (लक्ष्मी) मी. राइ, रत्ति स्त्री. (रात्रि) त्रि. लज्जालुइणी स्त्री. (लज्जावती) राग पुं. (राग) राग, स्नेख. पाणी. राम पुं. (राम) विशेष नाम. लट्ठ वि. (दे.) सुं२. रायगिह न.(राजगृह) २४PC न२. लट्ठि पुं. (यष्टि) 4531, qua. रावण पुं. (रावण) विशेष नाम. लया स्त्री. (लता) बत राहु पुं. (राहु) अ विशेष. ललाडान.(ललाट) माग, पा. रिउ स्त्री.(ऋतु) संत तु. णडाल उउJ ललिय वि. (ललित) सुन२, रिउ पुं. (रिपु) शत्रु. મનોહર रिच्छ, रिक्ख पुं. (ऋक्ष) २७. लहु-अ वि. (लघु-क) तुम्छ, नान, रिसि पुं. (ऋषि) पि. लिंब पुं. (निम्ब) दीपा- 3 रुअ न. (रुत) शब्द. लुंठिअ वि. (लुण्ठित)मा २६ रुक्क-ग वि. (रुग्ण) रोगी. वे, 2ी . रुक्ख पुं. न. (वृक्ष) आ3. लुद्ध वि. (लुद्ध) दोभी, दोप, रुप्पिणी स्त्री. (रुक्मिणी) विशुनी मासन स्त्री. लेह पुं. (लेख) वेम, Avu रूव पुं. न. (रूप) १७ अन्ति, लोग पुं. (लोक) दो, दुनिया सुन्दरता, माति, ३५. लोगवाल पुं. (लोकपाल) ईन्द्रनो रोग पं. (रोग) रोग, व्या५. रोस पुं. (रोष) २५, १५. लोगतिअ पुं. (लोकान्तिक) ३१ विश लक्खण न. (लक्षण) सिड्न, लोद्धअ वि. (लुब्धक) योनी. नाम, २९. लोह पुं. (लोह) सोम. लक्खण पुं. (लक्ष्मण) रामना मा. लग्ग वि. (लग्न) सं५८, वागे. | व,वा अ. (वा) qा, मघा 3.

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