Book Title: Prakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Author(s): Somchandravijay Gani
Publisher: Surendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh
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सेव् (सेव्) से। ७२वी. सोय । (शुच-शोच्) शो 5.
सोच ,
सोल्ल् (पच्) 45qj, संघ. सोह् (शोभ) शोम. सोह् (शोधय्) शुदि, 5२वी,
ગવેષણા કરવી
साह् (कथ्) हे. साह् (साध्) साप, सि८ २. सिंच (सिञ्च्) ७izj, मीन २. सिक्ख् (शिक्ष) मा. सिज्झ् (सिध्-सिध्य) सि८ थपुं. सिढिल् (शिथिलय) शिथिल २. सिलाह (श्लाघ्) प्रशंसा ३२वी. सिलेस् (श्लिष्) मेट, मालिंगन
२. सिव्व् (सीव्) सीqj सा५यु. सिह (स्पृह्) याड, २७. सीस् । (शिष्) हिंसा 5२वी, सिस्स् Jusी राम, विशेष ३२. सीस् (कथय) हे. सुण, हण (श्रु) सामग. सुमर् (स्मृ) स्म२९ ३२, संमाग. सुव् । (स्वप्) Giuj, सू', सोव् विश्रान्ति सेवी. सुह् (सुखय) सुमी २. सूय् (सूचय) सूचना 5२०ी. सूस् । (शुष्-शुष्य) सुपु, सुस्स् , सुई r.
हक्क (नि+सिध्) निषे५ ३२वो. हर् (ह) ७२९ ३२, A rj. हरिस् (हृष्-हर्ष) ७६ वो,
मुशी थपुं. हव् (हु) खोम ४२पो. हव्, भव, हुव (भू-भव्) खो, ५g. हस् (हस्) स. हिंड् (हिण्ड्) rj, मम. हिंस् (हिंस) हिंसा १२वी. हील् (हेलय्) डासना ५२वी,
ति२२७२ ६२पो, नि: 5२वी. हुण् (हु) खोम ३२पो. हो () खोj. थ.
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