Book Title: Prakrit Vidya 2003 01
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 5
________________ अनुक्रम क्र. शीर्षक लेखक . 62 01. मंगलाचरण : मन्दालसा स्तोत्र आचार्य शुभचन्द्र 02. सम्पादकीय : श्रुत-परम्परा का महत्त्व डॉ. सुदीप जैन 03. देश को नाम देने के लिए खुद को भरत....... सूर्यकान्त बाली 04. भारतीय वास्तुकला के विकास में जैनधर्म का योगदान प्रो. कृष्णदत्त वाजपेयी 05. उत्तरमध्यकालीन इतिहास, साहित्य एवं कला का संगम तीर्थ : गोपाचल प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन - 06. स्वास्तिक का चक्रव्यूह डॉ. रमेश जैन 07. हे पूज्य गुरु शत-शत प्रणाम (हिन्दी कविता) अरुण कुमार जैन इंजीनियर 35 • 08. 'आदर्श' और 'आत्मा' श्रीमती रंजना जैन 09. शांतिनिकेतन वे दिन, वे लोग हीरालाल जैन 110. जैनधर्म और भगवान् महावीर के बारे में महापुरुषों के उद्गार डॉ. सुदीप जैन 11. भगवान् महावीर की जन्मस्थली : कुण्डपुर (वासोकुण्ड) डॉ. राजेन्द्र कुमार बंसल 51 12. प्राकृतभाषा में लोरी हिन्दी से प्राकृत-रूपान्तरण डॉ. वीरसागर जैन 13. प्राच्य भारतीय अभिलेख एवं प्राकृतभाषा डॉ. शशिप्रभा जैन 14. पज्जावरण-रक्खणा (प्राकृत कविता) डॉ. उदयचन्द्र जैन 15. विण्णाणं किं? भूयं पंजोगं (प्राकृत कविता) प्रभात कुमार दास 16. बंकापुर के जिनालय अप्पण्ण नरसप्पा हंजे, टी.आर. जोडट्टी 17. आण्णासाहब लट्टे जी का जैन-स्त्री-विषयक चिंतन और कार्य डॉ. पद्मजा आ. पाटील 18. पूजनीय हैं संत हमारे ! (हिन्दी कविता) अनूपचन्द न्यायतीर्थ 20. प्रधानमंत्री सचिवालय का एक महत्त्वपूर्ण पत्र 22. पुस्तक-समीक्षा डॉ. सुदीप जैन एवं प्रो. राजाराम जैन 23. एक विशेष पत्र 24. अभिमत 25. समाचार दर्शन 26. इस अंक के लेखक-लेखिकाएँ प्राकृतविद्या+जनवरी-जून "2003 (संयुक्तांक) 103

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