Book Title: Prakaran Mala
Author(s): Ravchand Jechand Shah
Publisher: Ravchand Jechand Shah

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Page 200
________________ D ܘܘ ܘ ܨ . १७० ३७० ६०० कुल १२ मानुषोत्तर गिइिं॥ . . ४८.. १३ दिग्गजे ॥ ४८०० ए६०० कंचनगिरीइं॥ १२०००० महानदीयोइं॥ G४०० दिर्घ वैताढ गिरीइं॥ ४५६०० १ए यमकगिइिं॥ २४०० मेरुपर्वतनी चूलीकाइं॥ २१ जंबु प्रमुख वृक्षे ॥ ११७० १४०४०० वृतवैताढगिरीइं॥ २४०० २३ नग्रीयो वीजयादिके ॥ | कुल ३२५५ । ३७१ ३२० एहमा ६० प्रासाद तिहां प्रतेके १२४ पमिमा बाकी ३१ए।|| प्रासाद त्रीदुवारा तीहां प्रतेके १२० पमीमा ॥ ॥त्रीजगसंख्या ॥ अधोलोके॥ । ७७२००००० १३न्ए६०००००० नर्धलोके ॥ ८४७०२३ । १५२५४४४७६० त्रिलोके॥ ३७१३२० ॥एम त्रलोकमां ॥ सास्वता प्रासाद ॥ | सास्वता जिनबींब ॥ ८५७००२८ १५४२५८३६०८० ॥ तेहने माहरी त्रीकाल वंदना होज्यो॥ .. ॥ ॥इति सास्वतां जिननूवन तथा जिनबींब संख्यायंत्र समाप्तं॥ ३२५० -

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