Book Title: Prakaran Mala
Author(s): Ravchand Jechand Shah
Publisher: Ravchand Jechand Shah
View full book text
________________
पांमे चोथ जे मुपवासनु १ ब तनुश् श्रवमनु | लहर चब हम ।
२०१
दशमनुध दुवालसनु५ एटला तप करानं फल अनुक्रमे पांमे ॥ २१ ॥ दसम दुवालस फलाई ॥ २२ ॥
जेतीर्थे क्रमागर यादी उत्तम धुप एक मासक्षमण तपनु फल कपूर | दे तेने पन्नर नृपवासनु फल थाय । जे बरास धूप देवे करी होय || धूवे परकु ववासो । मासस्कमणं कपूरधूवंमि ॥ मुनिने श्राहारादिक शुद्ध पमिलान तो वा देतो थको पांगे लहे ॥ २२ ॥ साहूपमिलानिए लहइ ॥२॥
केटलांएक मासखमा तपनु
फल ।
षदांन देवे करी बीजा तीर्थ
कित्तिय मासकमणं । न थाय तेटलुंज सोनानु दांन भूमीनु दांन । नवितं सुवन्न भूमी |
जेटलु पांमे पुन्य फल प्रते ।
।
जं पावर पुन्न फलं अटवीनो जय१ चोरनोज यश सिंहादिकनो जयश्।
नेवी ॥
सण दाणेण श्रन्न तिचेसु ॥ पूजा न्हवण करवे करी शेत्रुंजय तीर्थे तीर्थपतीने तेटलु ॥ २३॥
पुत्रा न्हवणेण सितुंजे ॥ २३ ॥ समुद्रनो जय दारीद्रपणानो जयप रोगनो नय६ वैरीनो जय रुद्र य ग्निप्रादिकनो जय० ॥ समुह ४ दारिद्द रोग ६ रिन रुद्दा जे प्रांणी शेत्रुंजयतीर्थनुं ध्यान धरे मनमां तेह प्राणी ॥२४॥
कंतारः चोरः सावयः । एश्राव जयथी मुकाय वा ए जय मुके वीघनपणे । मुचंति विग्घेणं । | सारा वली नांमे पयंनाने वीषे । गाथाओ बे ते पूर्वधरे कही ते ॥ गाहान सुत्रहरेण मणीश्रान ॥
जे सेतुं
धरंति मणे ॥ २४ ॥
सारावली पयन्नग ।
२६

Page Navigation
1 ... 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226