Book Title: Pradyumn Haran Author(s): Dharmchand Shastri Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 6
________________ रुक्मिणी का हरण लेकिन शिशुपाल से युद्ध किष्ट बिना यह संभव न हो सकेगा। वह देरवा जाएगा। आप तो यह बताइए किरुक्मिणी के पास कब और कहां पहुंचा जाए। ठीक है। मैं पांचवे दिन प्रातः ही पावन में पहुंच आऊंगा। अच्छातो अब चलूसीआपकी चंदेरी केमी रंग-दंग इच्छा देखू। कुंडनपुर में एक सुन्दर । /उपवन है -पद्मवन विमणी नेवहां अशोक वृक्ष के नीचे कामदेवकी मूर्ति स्थापित की है। आज से ठीक पांचवे दिन वह आपको वहीं मिलेगी उसी दिन उसका विवाह होना। नारदजी द्वारिका से चलकर चंदेरी आर..... और शिशुपाल के महल में पहुंचे। । अरहंत/अरहत।। पधारिये. -मुनिराज स्वागत है। कृपया आसन ग्रहण करें। food COLAUAIL MAMINI शिशुपाल ने नारदजी को सम्मान पूर्वक आसम दिया । सुमा है तुम्हारा विवाह कुंडनपुरकी राजकुमारी रुक्मिणी के साथ हो रहा है आपने सही शुमा है. मुनिवर। कोई विशेष बात) 10 हाहैं। तुम अपनी लग्नपत्रिका) तो दिवाओ। अभी लीजिष्ट, मुनिराजा शिशुपाल ने अपनी लग्नमत्रिकामारदजी को दिखाईPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32