Book Title: Pradyumn Haran Author(s): Dharmchand Shastri Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 9
________________ रुक्मिणी सहित श्रीकृष्ण और बलदेवरथमें बैठकर आकाशमार्ग में पहुंचे,श्रीकृष्णाने शंखनाद कर घोषणाकी..... मयंकर युद्ध हुआ,श्रीकृष्ण की विजय हुई,वह मामणी के साथ विधिपूर्वक विवाह कर द्वारिका पहुंच गए। हे राजा जनों,सेनापतियों, सुनो मेरा नाम कृष्ण है। मने बलपूर्वक सक्मिणी का हरण किया है। जिसमें शक्ति हो घुडाले। MyINDI Mi 1 Famana महारानी जी, आजकल आप इतनी उदास क्यों रहती हैं। रुक्मिणी के द्वारिका आगमन के कुछ दिन बादसेहीमहारानी सत्यभामा धावित रहमेलगीथी एक दिन उनकी दासी ने उनसे पूछा..... ASSIC क्या बताऊं, दासी जबसे रुक्मिणी आई है, महाराज इधर आना ही भूल गए हैं। रुक्मिणी के कहने पर ही उन्होंने ऐसा किया होगा। यही सोचकर मैं दुखी है।Page Navigation
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