Book Title: Pradyumn Haran
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 29
________________ प উ प्रद्युम्न कुमार माताओं- रानियों के साथ गिरनार पर्वत पर भगवान नेमिनाथ के समवशरण में पहुंचे। रुक्मिणी आदि माताओं एवं रति आदि रानियों के साथ प्रद्युम्न कुमार दीक्षा लेने चल दिए। हे गुणसागर ! हम सब की कामना है कि आप इस मार्ग पर चलकर जयी हों तथा आत्म कल्याण, करें । 27 द्वारिका वासियों ने प्रद्युम्नकुमार के वैराग्य की अनुमोदना की। हे नाथ! आम भव- बंधन से मुक्त करने वाले, जन्म-मरण का नाश करने वाले हैं। कृपया हमारा कल्याण कीजिए। हमें दिगम्बर दीक्षा दीजिए। ICC प्रद्युम्न कुमार ने भगवान नेमिनाथ की साक्षी से दिगम्बर दीक्षा ली। माताओं और रानियों ने आर्थिका व्रत धारण किया। TROTREY SANJALI

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