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प्रद्युम्न कुमार माताओं- रानियों के साथ गिरनार पर्वत पर भगवान नेमिनाथ के समवशरण में
पहुंचे।
रुक्मिणी आदि माताओं एवं रति आदि रानियों के साथ प्रद्युम्न कुमार दीक्षा लेने चल दिए।
हे गुणसागर !
हम सब की कामना है कि आप इस मार्ग पर चलकर जयी हों तथा आत्म कल्याण, करें ।
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द्वारिका वासियों ने प्रद्युम्नकुमार के वैराग्य की अनुमोदना की।
हे नाथ! आम भव- बंधन से मुक्त करने वाले, जन्म-मरण का नाश करने वाले हैं। कृपया हमारा कल्याण कीजिए। हमें दिगम्बर दीक्षा दीजिए।
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प्रद्युम्न कुमार ने भगवान नेमिनाथ की साक्षी से दिगम्बर दीक्षा ली। माताओं और रानियों ने आर्थिका व्रत धारण किया।
TROTREY SANJALI