Book Title: Pradyumn Haran
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 15
________________ राजा के अन्य यह पिताजी का पुत्रों ने आपस अन्याय है। वज्रदंष्ट्र में मंत्रणा हम में सबसे बड़े है। की। युवराज का पद उन्हें ही । मिलना चाहिए) था। 5) पिताजी के अनुसार हममें सबसे अधिक पराक्रमी और योग्य प्रद्युम्न है। मेरे विचार से उसे ही गुफा मैं प्रवेश करना चाहिए। प्रद्युम्न कुमार को दैत्य भुजंगदेव ने ललकारा मैं भुजंगदेव हू। इस गुफा का रक्षक! यहां जिसने प्रवेश किया जीवित नहीं लौटा। बालक हो। इसलिए समझाता हूँ। लौट जाओ। क्यों Woven WWE नाहक जान गंवाते हो। | हमें इस निर्णय का विरोध करना चाहिए यही ठीक है। किसी बहाने प्रद्युम्न को बाहर 'चलो नही! ले उसका काम तमाम कर देंगे विरोध करने से कुछ न होगा। क्यों न रास्ते का कांटा ही हटा दिया जाए प्रधुम्न का वध..! राजकुमारों को उनकी माताओं की भी शह थी राजकुमार एकत्र होकर राजा कालसंवर के पास पहुंचे कौन हो तुम? बिना अनुमति के सफा में प्रवेश कैसे किया? पिताजी, युवराज प्रद्युम्न कुमार सहित हम सभी भाई जिन वंदना (के लिए विजयार्द्ध पर्वत पर जाना चाहते हैं। कृपया हमें आज्ञा दें। भाइयों, गुफा में प्रवेश करने वाले को राज्य लक्ष्मी मिलेगी ऐसा पूर्वजों का कथन है। हम में से कौन गुफा में प्रवेश करेगा सुभे आपका आदेश सहर्ष स्वीकार है। गुफा में मैं ही जाऊंगा। उत्तम विचार है। अवश्य जाओ। मेरी शुभकामनाएं और आशीष । प्रद्युम्न कुमार सहित सभी राजकुमार विजयार्दू पर्वत को चल दिए । विजयाई पर्वत में एक गुफा थी, जिसमें भुजंगदेव नामक एक दैत्य रहता था, राजकुमारों ने छल से प्रद्युम्न को गुफा में भेजा। वज्रदंष्ट्र हम सब में बड़े हैं। यह जिसे आज्ञा देंगे, वही जाएगा। वज्रदंष्ट्र के कहने पर प्रद्युम्न कुमार ने गुफा में प्रवेश किया। मेघकूट नगर का युवराज प्रद्युम्न कुमार । यहां राज्य लक्ष्मी प्राप्त करने आया हूँ। "मुझे रोकने वाले तुम कौन हो ? प्रद्युम्न कुमार और भुजंगदेव में युद्ध होने लगा।. 13 बकवास बंद करो। साहस हो तो युद्ध करो।

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