Book Title: Prachin Jain Itihas Sangraha Part 10
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpmala

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Page 4
________________ श्री रत्नप्रभाकर ज्ञानपुष्पमाला की तमाम पुस्तकें हमारे यहाँ मिलती हैं तथा हाल में मुद्रित हुआः१-मूर्तिपूजा का प्राचीन इतिहास और श्रीमान् लौकाशाह नाम का सचित्र और दलदार बड़ी शोध खोज से तैयार करवाया हुआ ग्रन्थ रत्न मूल्य मात्र रु. ५) । २-जैन जाति महोदय सचित्र प्रथम खण्ड मूल्य रु० ४) इसमें जैन धर्म और जैन जातियों का विस्तृत वर्णन है। पता-शाह नवलमलजी गणेशमलजी कटरा बाजार, जोधपुर (राजपूताना)

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