Book Title: Parmatmaprakash
Author(s): Yogindudev, A N Upadhye
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

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Page 6
________________ 32:१-३२] परमप्प-पयासु 22) जासु ण धारण धेउ ण वि जासु ण जंतु ण मंतु । जासु ण मंडलु मुद्द ण वि सो मुणि देउँ अणंतु ॥२२॥ 23) वेयहि सत्थहिँ इंदियहि जो जिय मुणहु ण जाइ । णिम्मल-झाणहं जो विसउ सो परमप्पु अणाइ ॥२३॥ 24) केवल-दसण-णाणमउ केवल-सुक्ख सहाउ। ___केवल-वीरिउ सो मुणहि जो जि परावरु भाउ ॥२४।। 25) एयहि जुत्तउ लक्खणहिँ जो परु णिक्कलु देउ । सो तहि णिवसइ परम-पइ जो तइलोयहं झेउ ॥२५॥ 26) जेहउ णिम्मलु णाणमउ सिद्धिहि णिवसइ देउ । तेहउ णिवसइ बंभु परु देहहं मं करि भेउ ॥२६॥ 27) जे दिट्ट तुटति लहु कम्मइँ पुन्व-किया। सो परु जाणहि जोइया देहि वसन्तु ण काइँ ॥२७॥ 28) जित्थु ण इंदिय-सुह-दुहई जित्थु ण मण-वावारु । सो अप्पा मुणि जीव तुहुँ अण्णु परि अवहारु ॥२८॥ 29) देहादेहहि जो वसइ भेयाभेय-णएण। ___ सो अप्पा मुणि जीव तुहुँ कि अण्णे बहुएण ॥२९॥ 30) जीवाजीव म एक्कु करि लक्खण-भेएँ भेउ । जो परु सो परु भणमि मुणि अप्पा अप्पु अभेउ ॥३०॥ 31) अमणु अणिदिउ जाणमउ मुत्ति-विरहिउ चिमित्तु । ___ अप्पा इंदिय-विसउ णवि लक्खणु एहु णिरुत्तु ॥३१॥ 32) भव-तणु-भोय-विरत्त-मणु जो अप्पा झाएइ । तासु गुरुक्की वेल्लडी संसारिणि तुट्टेइ ।।३२॥ 22) Wanting in TKM; C देउ for देउं 23) C वियहि, TKM वेयहि; C alone मुणहिं for मुणहु which is accepted by all other Ms. 24) TKM सोक्ख (written as 'रुख), °वीरिय जो; TKM सोज्जि for जो जि. 25) BC लक्खणिहिं; C णिवसहि; TK परमपये, M°पए; B° लोयहो, C जो तिहि लोयह; with AB I have corrected the old reading सेउ to झेउ, Creads उउ but is corrected as झेउ, TK छेउ (the Kannada gloss translates it as शिखरा),M has something like देउ which may stand for धेउ. 26) AB सिद्धिहि; T तेह सुणिवसइ; TKB बम्हु; BC म for मं. 27) AB जि दिट्टि, TKM जें दिढे....लहुं, AC जाणहिं. 28) Wanting in TKM; B परि for परि. 29) Wanting in TKM; A देहादेहहि, वसई. 30) Wanting in TKM: BC भावि for भणमि. 31) Wanting in TKMB C मात्तिरहिउ चिम्मेत्तु. 32) Wanting in TKM: c वेलडी, संसारिण. प. ४१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International

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