Book Title: Neminath Charitra
Author(s): Kashinath Jain
Publisher: Kashinath Jain Calcutta

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Page 14
________________ लगमग ६५,०००) पैंसठ हजार रूपये प्रदान कर एक पृथक् प्रसूतिगृह बनवा दिया है। कलकत्तेके जैन भवनके निर्माणार्थ एक लाख रूपये का दान आपने जैन भवनमें "लछमीपतसिंह श्रीपतसिंह दूगड़" हाल वनवानेमें एक लाख रुपये प्रदान किये हैं। इसके पूर्व जैनभवनके चन्देमें मी २५००) रूपये दिये थे। इस हॉलको वनवा कर आपने बड़ाही उपकार कार्य किया है। जो चिरस्मरणीय बना रहेगा। पुस्तकालय-मवन के लिये पचास हजार का दान इधर गत २४ दिसम्बर १९५३ को “लक्ष्मीपतसिंह श्रीपतसिंह दूगड़ हॉल" का उद्घाटन समारोह माननीय डा० श्रोकैलाशनाथ काटजू “केन्द्रिय सरकार-गृहमन्त्री” के करकमलों द्वारा किया गया था। इस अवसरपर आपने अपनी धर्म-पत्नी रानी धन्नाकुमारीके नामपर उपरोक्त हॉलके ऊपर एक नया पुस्तकालय भवन निर्माणके लिए ५०,०००) पचास हजार रुपये प्रदान किये हैं। इसके अतिरिक्त इसी अवसरपर कलकत्तेके माननीय राज्यपाल ऐच० सी० मुखर्जी के द्वारा दार्जिलिङ्ग में दीन, अनाथ जनताके लिये स्थापित संस्था में २५५१ रु० प्रदान किये हैं। ___ मुर्शिदावादके जैन-मन्दिरोंके जीर्णोद्धार कराने में १०,०००) दस हजार रुपये प्रदान करनेका वचन दिया है एवं अभी आप यात्रार्थ पधारे उस समय अजमेर, आदि अन्यान्य स्थानोंमे मन्दिरोंके जीर्णोद्धारके लिये लगभग ५,०००) पांच हजार रुपये प्रदान किये हैं। पालीतानेमें राय बहादुर धनपतसिंह जी के धनवसी मन्दिरके

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