Book Title: Navkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Author(s): Vishalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार नवकार मन्त्र के प्रभाव से पुण्यकर्मों का उदय उन्होंने बड़े धूमधाम से पुत्र का जन्मोत्सव मनाया। हुआ और सेठानी शिवा ने एक पुत्र को जन्म सैकड़ों गरीबों को भोजन कराया। दान किया। दिया। शिवा देवी का पुत्र होने के कारण IVइस बालक को हम शिवकुमार के कितना सुन्दर नाम से पुकारेंगे। बालक है? VVVVVVIAN IVAVVVVVVIAN | शिवकुमार का लालन-पालन बड़े लाड़-प्यार || बेहद लाड़-प्यार के कारण शिवकुमार बिगड़ने से होने लगा। लगा और बुरी संगत में पड़ गया। बेटा शिव! संध्या हो गई। है घर के भीतर आ जाओ। ले बेटा! ये खीर खा ले। MUFT नहीं माँ ! मैं खीर नहीं खाऊँगा। मुझे तो सैंवई चाहिये। नहीं माँ! मैं अभी और खेलूँगा। RED Jain Education International For Private Personal Use Only www.jainelibrar.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36