Book Title: Navkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Author(s): Vishalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 23
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार परोहित के आदेश पर राज सेवक अमर को स्नान चन्दन विलेपन आदि करके बलि के लिये तैयार करने ले गये। माँ, बाप, नगर निवासी सबने मेरा साथ छोड़ दिया। अब मेरी मृत्यु निश्चित है। अमर अब पूरी तरह निराश हो चुका था। घोर निराशा के क्षणों में उसके मस्तिष्क में बिजली सी | कौंधी। उसे गुरु के शब्द याद आये जो उसने नवकार मन्त्र सिखाने के बाद कहे थे। अमर! यह नवकार मन्त्र अत्यन्त शक्तिशाली है। इसके मरण मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं। यदि कभी कोई घोर विपदा आये तो इस मन्त्र को याद कर लेना... गुरु के वचन उसके कानों में गूंजने लगे। णमो अरिहंताणं णमो सिद्भाणं णमो उवण्झा णमो आयरियाणं णमो लोए सव्व साहूर्ण Jain Education International For Private 21ersonal Use Only

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