Book Title: Navkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Author(s): Vishalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 20
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार रामा की यह घोषणा एक गरीब ब्राह्मण ऋषभदत्त | ऐसा सोचकर भद्रा ने अपने सबसे छोटे पुत्र की पत्नी भद्रा ने भी सुनी। उसने सोचा अमर कुमार को राजा को समर्पित करके सोना हमारा जीवन अभावोंस लेने का निश्चय कर लिया। उसने राम की अग्नि में जल रहा है। मेरे छ: कर्मचारियों से कहापुत्र हैं यदि मैं उनमें से एक पुत्र की बलि दे दूँ तो क्या फर्क पड़ेगा(सुनो! मैं अपना पुत्र राजा हमारे सारे अभाव दूर हो जायेंगे || को सौंपने के लिये तैयार हूँ बाकी सब सुखी हो जायेंगे। आप मेरे साथ घर चलिये मैं वहाँ अपना पुत्र आपके । सुपुर्द कर दूंगी। राज कर्मचारी भद्रा के साथ उसके घर अमर | परन्तु भद्रा ने इसका उत्तर नहीं दिया। एक कुमार को लेने पहुंच गये। अमर ने उन्हें| सैनिक बोलादेखा तो अपनी माँ से पूछा तुम्हारी माँ ने तुम्हें बलि के लिये हमारे राजा के (माँ राजा के सैनिक हाथों बेच दिया है। यहाँ क्यों आये हैं? हम तुम्हें लेने आये हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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