Book Title: Navkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Author(s): Vishalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 19
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार यह सुनकर राजा श्रेणिक विचार मे पड़ गये। वह बोले पुरोहित जी! नर बलि तो बहुत ही कठिन कार्य है। फिर ऐसे कुमार को कहाँ ढूँढा जायेगा, और अगर मिल भी गया तो क्या पुत्र की बलि के लिये उसके माता पिता राजी हो जायेंगे XoloESO राजन्! हताश न होईये। आप राज्य में यह घोषणा करवा दीजिये कि जो कोई व्यक्ति अपने शुभ लक्षणों वाले पुत्र को बलि के लिये समर्पित करेगा उसे, पुत्र के वजन के बराबर तोलकर स्वर्ण दिया जायेगा। C009 200 OOOOO राजा श्रेणिक को पुरोहित की बात समझ में आ गई। उन्होंने तत्काल मन्त्री को बुलवाकर शम्य में घोषणा करवाने का आदेश दिया। Total राज गिरी के निवासियो! ध्यान से सुनो हमारे महाराज एक विशाल यज्ञ करवा रहे हैं। उसकी अन्तिम आहुति के लिये जो माता-पिता अपने शुभ लक्षणों वाले पुत्र को समर्पित करेंगे उन्हें उस पुत्र के वजन के बराबर तोलकर, स्वर्ण दिया जायेगा।........ । Jan Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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