Book Title: Navkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Author(s): Vishalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 12
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार धन-प्राप्ति के लालच में शिवकुमार ने शव को कन्धे पर रखा और तान्त्रिक के पीछे-पीछे चल जिया। w adi COOSA कुछ दूर चलने के पश्चात् तान्त्रिक ने पेड़ों की झुरमुट में प्रवेश किया। झुरमुट के उस पार एक भयानक रौद्र आकार की मूर्ति रखी हुई थी। बायीं तरफ अग्नि जल रही थी। मूर्ति के निकट आकर वह शिवकुमार से बोला- यवक/ शव को इस पवित्र ADING देवता की मूर्ति के चरणों में रख दो। THAK जाशिवकुमार ने बताये स्थान पर शव रख दिया। तान्त्रिक ने मन्त्र पढकर शव के चारों ओर जल छिड़का। हवन कुण्ड बनाया। शव के हाथ में तलवार पकड़ाई और शिवकुमार से बोला a हि हे युवक ! तुम शव के पैरों के पास घुटनों के बल) 5 बैठ जाओ। |शिवकुमार तान्त्रिक की आज्ञानुसार शव के पैरों के पास बैठ गया। 10 For Private & Personal Use Only Jain Education International dal gelibrary.org

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