Book Title: Navkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Author(s): Vishalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 11
________________ शिवकुमार तुरन्त बोला आप आज्ञा करें! मैं सब कुछ करने को तैयार हूँ। imma mus 772 Wee M We Weal शिवकुमार की आँखों में धन के सपने नाचने लगे। वह योगी को प्रणाम करके तुरन्त चल दिया। काफी खोज बीन के बाद उसे घने जंगल में पुरुष का एक अखण्ड शव पड़ा मिल गया। Jain Education International णमोकार मंत्र के चमत्कार Sile वाह ! इस शव से मेरा कार्य सिद्ध हो जायेगा। 213 तान्त्रिक ने अपना जाल शिवकुमार के ऊपर फैलाया। उसने शव को अपने कन्धे पर रखा और रात होने से पहले ही उसे तान्त्रिक के सामने शव लाकर रख दिया। In r जाओ, कहीं से एक अखण्ड शव ढूँढ कर लाओ! आज काली चौदस है। मैं शव पर कुछ तंत्र क्रियायें करूँगा। उसके बाद तुम अपार धन के स्वामी बन जाओगे। युवक! तुमने बहुत बड़ा काम कर दिया। यों समझो कि तुम्हें आधी सफलता मिल गई। शेष आधी मिलने में भी तुम्हें अधिक समय नहीं लगेगा। आधी रात के बाद ही तुम मालामाल हो जाओगे। बस अब तुम इस शव को अपने कन्धे पर रखकर मेरे साथ चले चलो। LA For Private & Personal Use Only 2004 www.jainelibrary.org. -RED 9

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